The smart Trick of shiv chalisa lyricsl That No One is Discussing
The smart Trick of shiv chalisa lyricsl That No One is Discussing
Blog Article
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है more info - प्रेरक कहानी
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके गले में मुंडमाल है। बाघ की खाल के वस्त्र भी आपके तन more info पर जंच रहे हैं। आपकी छवि को देखकर नाग Shiv chaisa भी आकर्षित होते हैं।
अगर आपको यह चालीसा पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!